कुछ हायकू .....
कुछ हायकू …..
बातें गहरी
पलकों पे ठहरी
यादें हमारी
*
अँधेरा स्याह
हुआ हसीं गुनाह
मिली पनाह
*
दिल पुकारे
पलकों के द्वारे
राह निहारे
*
मीठी बतियाँ
तनहा गुजरती
सूनी रतियाँ
सुशील सरना / 10-7-25
कुछ हायकू …..
बातें गहरी
पलकों पे ठहरी
यादें हमारी
*
अँधेरा स्याह
हुआ हसीं गुनाह
मिली पनाह
*
दिल पुकारे
पलकों के द्वारे
राह निहारे
*
मीठी बतियाँ
तनहा गुजरती
सूनी रतियाँ
सुशील सरना / 10-7-25