*गाते हम भारत नया, भाता कुंभ प्रयाग (कुंडलिया)*
गाते हम भारत नया, भाता कुंभ प्रयाग (कुंडलिया)
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गाते हम भारत नया, भाता कुंभ प्रयाग
कॉंवड़-यात्रा से गया, जाति-भेद का राग
जाति-भेद का राग, अयोध्या-सरयू भाई
विश्वनाथ की भव्य, बनारस छटा लुभाई
कहते रवि कविराय, नई संसद बनवाते
जाते चंद्र सुदूर, हिंद का गौरव गाते
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451