डेढ़ कमरे की एक दुनिया में
डेढ़ कमरे की एक दुनिया में
एक बिस्तर है कुछ किताबें हैं
आने-जाने का एक दरवाज़ा
ख़ैर आता भी कौन है घर में
नामलेवा रफ़ाक़तों के अमीं
दूर के कुछ क़रीबी रिश्तेदार
कुछ नए और कुछ पुराने यार
ला-उबाली से चार-छ: शायर
एक ज़हनी मरीज़ा कद्दाला
कुछ ख़वातीन जिनका ज़िक्र नहीं
ख़ैर मुझको भी कोई फ़िक्र नहीं
आएं-जाएं कोई बला से मेरी
दोस्ती हो गई क़ज़ा से मेरी
अब यही तौर चाहिए मुझको
चाय एक और चाहिए मुझको