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5 Jul 2025 · 1 min read

जान गई, दिल की खलिश न गई।

जान गई, दिल की खलिश न गई।
आग बुझी, तन की तपिश न गई।।
सब्र जरा कर ले ठहर कुछ पल,
वक्त गया मन से दबिश न गई।
-Gn

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