भावों के ताने- बाने हैं

भावों के ताने- बाने हैं
दिल के लाखों अफसाने हैं
दर्द दिलों को देने के भी
देने पड़ते हर्जाने हैं
भरी भीड़ में रहते फिर भी
दिल के अंदर वीराने हैं
कैसे नहीं भटकते ये पग
कदम कदम पर मयखाने हैं
दुनियादारी खूब निभाते
फिर भी रहते अनजाने हैं
यादें बनकर रह जायेंगे
ये पल तो आने जाने हैं
प्रेम “अर्चना” देखो इनका
जलते रहते परवाने हैं
डॉ अर्चना गुप्ता
05.07.2025