अब न आँखों को रुलाना चाहती हूँ

अब न आँखों को रुलाना चाहती हूँ
चैन से दो पल बिताना चाहती हूँ
ज़िंदगी तूने नचाया है बहुत पर
अब न मैं झाँसे में आना चाहती हूँ
डॉ. अर्चना गुप्ता
01.07.2025
अब न आँखों को रुलाना चाहती हूँ
चैन से दो पल बिताना चाहती हूँ
ज़िंदगी तूने नचाया है बहुत पर
अब न मैं झाँसे में आना चाहती हूँ
डॉ. अर्चना गुप्ता
01.07.2025