*नवनिधि क्षणिकाएँ---*

नवनिधि क्षणिकाएँ—
30/06/2025
वाणी में संयम नहीं हैं
दृष्टिकोण दूषित हो चला
नजरिया सकरात्मक नहीं
क्या यही आधुनिकता है।
सनातन भावों का खंडन
आध्यात्मिकता पर विश्वास नहीं
व्यर्थ प्रलाप मग्न तर्कशील
क्या यही आधुनिकता है।
वैदिक आचार व्यवहार नहीं
शास्त्रों को अपमानित करते
पौराणिक मान्यताएं तोड़ रहे
क्या यही आधुनिकता है।
धर्मच्युत संस्कार नये
आपसी विवादों में भूले
नग्नता को अपनाने वाले
क्या यही आधुनिकता है।
गुरु, माता, पिता, साधु, मंत्र
चलते हो कुलचते हमेशा
मानवता मर गई है तेरी
क्या यही आधुनिकता है।
— डॉ. रामनाथ साहू “ननकी”
संस्थापक, छंदाचार्य, (बिलासा छंद महालय, छत्तीसगढ़)
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