#क्योंकि आने वाली है
सावन के
आवारा बादलों को
चिट्ठियाँ लिखेंगे —
कि वो बरसे रुमझुम
तुम्हें भीगने के लिए।
बसंती हवाओं से
कहेंगे —
चुरा लाएँ फूलों की खुशबू,
जो सुवासित करे
तेरे तन-मन को l
तेरी रसभीनी बातों को
स्निग्ध सुनने के लिए —
अमराई की
कोयल से कहेंगे —
कि थमे कुछ पल
अपनी मीठी तान l
संध्या की
सुरमई बेला से कहेंगे
ज़रा ठहर जाए
क्योंकि आने वाली है
मेरी चांद सी जान l
✍️ दुष्यंत कुमार पटेल