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27 Jun 2025 · 1 min read

#क्योंकि आने वाली है

सावन के
आवारा बादलों को
चिट्ठियाँ लिखेंगे —
कि वो बरसे रुमझुम
तुम्हें भीगने के लिए।

बसंती हवाओं से
कहेंगे —
चुरा लाएँ फूलों की खुशबू,
जो सुवासित करे
तेरे तन-मन को l

तेरी रसभीनी बातों को
स्निग्ध सुनने के लिए —
अमराई की
कोयल से कहेंगे —
कि थमे कुछ पल
अपनी मीठी तान l

संध्या की
सुरमई बेला से कहेंगे
ज़रा ठहर जाए
क्योंकि आने वाली है
मेरी चांद सी जान l

✍️ दुष्यंत कुमार पटेल

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