चस्का, चस्का, लगाकर इनका चस्का
(शेर)- लगा है यह जो चस्का, कि समय नहीं बात करने के लिए।
कर दी है इसमें सारी हदें पार, व्यूज अपने बढ़ाने के लिए।।
हो गये हैं सभी गुम और गुमराह, बनाकर अपनी दुनिया नई।
तोड़ दी है इसमें मर्यादा सारी, इस यूट्यूब-इंस्टाग्राम के लिए।।
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चस्का, चस्का, लगाकर इनका चस्का।
गुम और गुमराह है, लगाकर इनका चस्का।।
यूट्यूब का चस्का, इंस्टाग्राम का चस्का।– (2)
चस्का, चस्का,—————————।।
बना ली है अपनी दुनिया, प्यार इनसे करकै।
हो गये दूर अपनों से, दीवाना इनका बनकै।।
बेखबर है रिश्तों से, लगाकर इनका चस्का।
यूट्यूब का चस्का, इंस्टाग्राम का चस्का।– (2)
चस्का, चस्का,—————————।।
तोड़ दी सारी मर्यादा, प्रसिद्ध इनसे होने के लिए।
बेच दी है इनमें सारी शर्म, पैसे कमाने के लिए।।
करने लगे गलत काम, लगाकर इनका चस्का।
यूट्यूब का चस्का, इंस्टाग्राम का चस्का।– (2)
चस्का, चस्का,—————————।।
कर रहा है कमजोर दिमाग को, बच्चों का यह चस्पा।
बना रहा है हिंसक- लापरवाह, लोगों को यह चस्का।।
बर्बाद हो रहे हैं युवा, लगाकर इनका चस्का।
यूट्यूब का चस्का, इंस्टाग्राम का चस्का।– (2)
चस्का, चस्का,—————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला-बारां(राजस्थान)