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27 Jun 2025 · 5 min read

!!!!!! अधूरी ख्वाहिश!!!!!

!!एक अधूरी ख्वाहिश!!
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यह कहानी उस 65 _70 वर्ष के माता-पिता की है जिन्होंने अपने बच्चों के लिए मिलकर कहीं सपने देखे पर उन्हें क्या पता था! कि जिनके लिए हम सपने देख रहे हैं !वही हमें उस रास्ते पर छोड़कर चले जाएंगl जहां पर हमारे लिए कोई रास्ता नहीं होगा l
हम बात करते हैं मिस्टर डेविस एवं मैसेज जूली की जिन्होंने एक छोटे से स्कूल में टीचर के पद पर रहते हुए बहुत से बच्चों को शिक्षा प्रदान की दोनों पति-पत्नी की समाज में बहुत अच्छी इज्जत और सम्मान था ll जिस रास्ते से निकलते थेl तो छात्र झुक कर पैर छू लेते थेl बड़ी ही सामाजिक व धार्मिक प्रवृत्ति के धनी थे l उनके एक पुत्र एक पुत्री थी जिन्हें उन्होंने पढ़ा लिखा कर होशियार बनाया बहुत मेहनत की और उसे लायक बना दिया बेटा एक अच्छी नौकरी पाने लायक बन गया मिस्टर डेविस का सपना था कि बेटे को लंदन भेजेंl और वह दिन आ ही गया lपुत्र को लंदन भेज दिया और पुत्री की पढ़ाई करने के बाद उसकी अच्छी घराने में शादी कर दी l मिस्टर डेविस श्रीमति जूली बहुत खुश थे उनका जीवन अच्छा चल रहा था बच्चों की शादी भी हो गई थी पुत्र भी वही लंदन में शिफ्ट हो गया lअपनी बाकी की जिंदगी अच्छे से बसर कर रहे थे lबस कुछ ही दिन बचे थे उनके नौकरी से रिटायरमेंट होने के l एक दिन श्रीमती जूली ने मिस्टर डेविस से कहा कि अब हम भी अपनी बाकी की जिंदगी अपने बच्चों के साथ बिताए बहुत अकेले रह गए हैं मिस्टर डेविस भी सिर हिलाते हुए हां में हां कर दी l
एक दिन बेटे का फोन आया दोनों ने बात की और अपने मन की बात बेटे को बता दीl की बेटे हम अगले महीने की 31 जनवरी को रिटायरमेंट हो जाएंगे lबेटा हमारी इच्छा तुम्हारे साथ रहने की lबेटा पूरी बात ध्यान से सुन रहा था बहू ने भी इस बात को बड़े ध्यान से सुनी थोड़ी देर बाद बेटे ने हां में उत्तर दिया ठीक है मां में जल्द ही आपको लेने आऊंगा और हम सब साथ रहेंगे l मिस्टर डेविस एवं मैसेज जूली का खुशी का ठिकाना नहीं रहा उन्होंने अपने दोस्तों रिश्तेदारों और सभी को यह बात कही कि अब हम अपनी बाकी की जिंदगी अपने बेटे बहू और पोते के साथ लंदन में बिताएंगे l
मिस्टर डेविस और जूली की उम्र बढ़ती जा रही थी लेकिन पुत्र से मिलने की आस बनी हुई थी दोनों बहुत से सपने देखने लगे और अपने आप में खुश होते रहते हैं l
एक दिन बेटे का फोन आया कि पापा में आ रहा हूं आपको लेने दोनों के आंखों से आंसू निकलने लगे और वह दिन आ ही गयाl लंदन से पुत्र लेने आया l मिस्टर डेविस ने पुत्र को खुशी से गले लगाया और चलने की तैयारी करने लगेl
जब सुबह चाय नाश्ते के समय मिस्टर डेविसओर पुत्र के बीच में चर्चा हुई की पापा अब हम लंदन में ही रहेंगे तो अपना घर प्रॉपर्टी की देख भाल कौन करेगा इतनी बातें सुनते ही मां ने कहा की बेटा सच्ची तो कहता है जो आज हमारा है कल इसका ही तो होगा l
बेटे की बात मानकर मिस्टर डेविस ने मकान और जो प्रॉपर्टी थी सारी भेज दी और जो भी रुपया था सब बेटे के नाम कर दिया l
पूरा परिवार लंदन जाने की तैयारी करने लगा लेकिन बेटा कुछ और ही सोच कर आया था उसने सबसे पहले वृद्धा आश्रम में अपने माता-पिता का रजिस्ट्रेशन कराया।
और अपने गांव से माता-पिता को लेकर चल दियाl जैसे ही स्टेशन पहुंचे बेटे ने कहा मां पिताजी आप ही बैठो मैं कुछ काम से आता हूं अभी अपनी गाड़ी में बहुत टाइम है मन का ठीक है बेटा जल्दी आना l बेटा माता-पिता को छोड़कर सीधे एयरपोर्ट गया lवहां से लंदन की फ्लाइट में बैठ गयाl l माता-पिता सुबह से लेकर शाम हो गई बेटे की राह देखते रहे lचिंता बढ़ती ही गई किससे पूछे कहां जाए कुछ समझ में नहीं आ रहा था l अंधेरा होने लगा माता-पिता के आंखों से आंसू और चिंता दोनों दिखने लगी तभी एक व्यक्ति पास में आया और बोला कि आप मिस्टर डेविस और मैसेज जूली है क्या ? दोनों ने कहा हां हम है मिस्टर डेविस बोलिए आप क्या बोलना चाहते हैं उन्होंने कहा कि आपके बेटे ने आपके लिए यह पत्र भेजा है मिस्टर डेविस घबराकर बोले मेरा बेटा कहां है उसे क्या हुआ और वह कैसा है और यह पत्र कैसा है और तुम कौन हो हमें बताओ उसे व्यक्ति ने कहा कि आपके बेटे को कुछ नहीं हुआ है वह ठीक है और वह जहां से आया था वहीं चले गया मां ने आप यह क्या कह रहे हो आप कौन है ? हम आपको नहीं जानते ? आप कौन हो? l हमारा बेटा हमें लंदन ले जाने के लिए आया है हम लंदन जाएंगे उसके साथ l आपकी बात हमें बिल्कुल समझ नहीं आ रही है l उस व्यक्ति ने लिफाफा मिस्टर डेविस के हाथ में रख दिया, जैसा ही लिफाफा खुलl
और पत्र पढ़नेलगे l
पापा आप मुझे माफ कर देना मैं वापस लंदन जा रहा हूं मैं आपको ले जाने में असमर्थ हूं क्योंकि आप बाकी जिंदगी अपने आप से बिताना क्योंकि आपकी बहू नहीं चाहती उसने मुझसे बोला कि यदि आपके माता-पिता आएंगे तो मैं घर छोड़कर जाऊंगी l
मैंने आपका रजिस्ट्रेशन वृद्ध आश्रम में कर दिया है और अपना नंबर भी दे दिया है आपको किसी प्रकार की परेशानी हो तो आप मुझे कॉल कर लेना l
आपका पुत्र
आशीर्वाद बनाए
रखना
पत्र पढ़ते ही मिस्टर डेविस और मैसेज जूली के पैरों तले जमीन खिसक गई ऐसा लगा जैसे बादल फट गए हैं या कोई भूकंप आ गया हो बहुत देर तक एक दूसरे को समझlते रहेl आंखों से आंसू बह रहे थेl तभी इस व्यक्ति ने कहा कि आप मेरे साथ चलिए मैं बताता हूं तुम्हें कहां रहना है वहां बहुत सारे आपके दोस्त रिश्तेदार आपको मिलेंगे है_वृद्धl आश्रम
मिस्टर डेविस और श्रीमती जूली वृद्धl आश्रम चले गएl दोनों के मुंह से निकला काश _यह सपना हम ना देखे तो आज हम वृद्ध आश्रम में ना होते l
यह कहानी आज के समाज का एक कटु सत्य है जैसे-जैसे पीढ़ियां आगे बढ़ रही है पारिवारिक मूल्य पीछे छुट्ते जा रहे हैं माता-पिता अपने सभी बच्चों पर स्नेह निछावर कर देते हैं वही बच्चे आज उन्हें बोझ समझते हैंl बुजुर्गों को सम्मान और प्रेम चाहिए यही कहानी का उद्देश्य था l
डॉ मनोरमा चौहान (मध्य प्रदेश)

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