सन सन सन सन जब चले,पवन लगे चितचोर

सन सन सन सन जब चले,पवन लगे चितचोर
टप- टप बूँदें देखकर, नाचे मन का मोर
नाचे मन का मोर, पाँव की खनके पायल
भर -भर आये नैन, गरजते कारे बादल
कहे ‘अर्चना’ बात, चले आओ अब साजन
पवन बढ़ाए पीर, चले जब सना सनन सन
डॉ अर्चना गुप्ता
25.06.2025