नवनिधि क्षणिकाएँ---
नवनिधि क्षणिकाएँ—
22/06/2025
बड़े उत्सुक है जानने के लिए
मैं ऐसा क्यों रहता हूँ
हर पल गुस्से से भरा हुआ
मैं उस वक्त खुद से लड़ रहा होता हूँ।
ये उत्सुकता कुछ ही दिनों की है
बाद में सामान्य हो जाओगे सब की तरह
जिसने भी पढ़ा है मुझे करीब से
मुझसे लापरवाह होते चले गये।
उत्सुकतावश मैंने पूछ लिया
कब तक सफर में यूँ रहोगे ?
उसने नाटकीयता से जवाब दिया
जब तक ये पत्थर बोलना न शुरू कर दें।
उत्सुक है सारा देश
ये जानने के लिए कि
कहाँ छुपाया है काला धन
सफेद करने के लिए आपने।
अजीब सी उत्सुकता है मन में
क्या जिनके चेहरे सुंदर होते है
वो दिल के इतने कठोर क्यों होते हैं
हर बात का उलटा ही जवाब देते हैं।
— डॉ. रामनाथ साहू “ननकी”
संस्थापक, छंदाचार्य, (बिलासा छंद महालय, छत्तीसगढ़)
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