गांवों में ग्राम पंचायत के चुनाव!
सुनो सुनो,
भाई मेरे सुनो,
सुनो सुनो,
बहन मेरी सुनो,
आ गये गांव के चुनाव,
चुननी है अपनी सरकार,
जिसका रहे गांव से सरोकार,
जो करती रहे गांव का विकास,
रहती है जो सदैव अपने पास,
सुख दुख की रहती है साथी,
दिक्कत जब भी कोई आती,
सबसे पहले पहुंच है जाती,
छोटे मोटे समाधान है कर पाती!
चुनो चुनो, उन्हें चुनो,
जो पक्षपात ना करता हो,
लूट भ्रष्टाचार ना करता हो,
जात पात में ना भटका हो,
भाई भतिजा वाद में ना अटका हो,
देखो भालो और परखो,
सुनो सुनो भाई ये सुनो,
ऐसा अपना प्रतिनिधि चुनो!
चुनाव की है यह बेला,
कर ना जाए कोई खेला,
आएंगे वो अपने बनकर,
दिखाएंगे सपने मन भर कर,
नोटों की भी चाल चलेंगे,
दारु भी जी भर कर देंगे,
मीट भात भी वो परोसेंगे,
कसमों से भी वो कसेंगे,
वोट लेकर फिर ना दरशेंगे,
गर मिल भी गये कभी तो,
फिर यह भी वही कहेंगे,
तुमने दावत खूब उठाई है,
मैने वोट की कीमत चुकाई है,
लेना देना हुआ बराबर,
अब किस बात की लडाई है,
सुनो सुनो, ये बात सुनो,
चुनो उसे ही जो तुम्हे सुने,
सुख दुख का जो साथी बने,
लूट खसोट से परहेज करे,
खरीद फरोख्त जो ना करे,
मीट भात से रहे परे,
उसे चुनो उसे चुनो,
सुनो सुनो भाई बहनों सुनो!!