अष्टांग योग

अष्टांग योग
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यम नियम आसन प्राणायाम,
सब करते दूर हैं व्याधि।
अष्टांग योग इन्ही को कहते,
प्रत्याहार धारणा ध्यान समाधि।।
रक्तचाप अवसाद मिटाता,
अनिद्रा को करता दूर।
स्वस्थ सुडौल शरीर बनाता,
शक्ति ऊर्जा से भरपूर।।
करते योग निरंतर जो हैं,
होते सदा निरोगी वे।
निष्ठा और समर्पण जिनमें,
होते हैं कर्म योगी वे।।
श्वास क्रिया को करो नियंत्रित,
पूरक कुंभक रेचक का ध्यान धरो।
स्वस्थ निरोगी काया खातिर
नित्य योग तुम किया करो।।
~राजकुमार पाल (राज) ✍🏻
(स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित)