Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
20 Jun 2025 · 1 min read

पूरब दिशा में उषा की छा रही है सुंदर लाली

पूरब दिशा में उषा की छा रही है सुंदर लाली
रंग-बिरंगी चिड़ियाँ चहक रहीं होके मतवाली
किंशुक कुसुम दहक रहे ओम् टेसू की डाली
वन उपवन में छा रही प्रकृति की खुशहाली

गगन में मगन विहंग होकर उड़ रहे विहान में
चमन अमन भंग हो रहा भंवरों के गुंजान में
सूर्य रश्मियों में शीर्ष तृण ओस से दमक रहीं
बाग पुष्पों की पंखुड़ियांँ ओस से चमक रहीं

बगिया के आम देखो बौरा गए सुनहरे रंग में
ज्यों मदन उतर आया ऋतु बसंत के संग में
कोयल मधुर स्वर में कूक रही आम की डाल में
हया से लालिमा उतर आई नायिका के गाल में

Loading...