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20 Jun 2025 · 1 min read

सास किचन में बहु टहलते देख रहे हैं

अब घर का माहौल बदलते देख रहे हैं
सास किचन में बहु टहलते देख रहे हैं

दूसरों को परेशान करने वाले जालिम
तेरी आस्तीन में सांप पलते देख रहे हैं

जी चाहता है तेरी क़दमों को चूम लूं
जब तुझे मस्जिद से निकलते देख रहे हैं

इस बार भी बारिश में छत टपकेगा
मौसम का मिज़ाज बदलते देख रहे हैं

शाही दस्तरखान पर खाना खाने वाले
भूखे बिस्तर पे करवट बदलते देख रहे हैं

खिलौना खेलने की उम्र में आज के बच्चे
मोबाइल के लिए मचलते देख रहे हैं

ज़मीं से दरख्तों को उखाड़ने की सज़ा
सर्द मौसम में बर्फ़ पिघलते देख रहे हैं

अंधेरे ने तो हमें डरा ही दिया था मगर
उम्मीद की किरन निकलते देख रहे हैं

जिंदगी आसान लगने लगा है नूरी
तुफान से कश्ती खेलते देख रहे हैं।

नूर फातिमा खातून “नूरी”
जिला -कुशीनगर

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