संघर्ष ही जीवन का सत्य"
“संघर्ष ही जीवन का सत्य”
जीवन भट्ठी में जो तपा नहीं,
परिपक्वता से जो पका नहीं,
उसका जीना भी क्या जीना,
जो संघर्ष-निरत नित रहा नहीं।
जिसने न झेला अंधड़ कोई,
न सूखा देखा, न आँधी आई—
उसकी जड़ें क्या गहराएंगी,
जो ज़िंदगी से न भिड़ पाई।