खाली हाथ
परिवार के खातिर जीकर, खाली हाथ खड़ा हूं।
अब अपने, और अपने देश के लिए जीना है।
मोहब्बत तो बेवफा निकली, मेरे सांवरे।
देश के लिए मरूं तो, शायद शहादत हो।
श्याम सांवरा….
परिवार के खातिर जीकर, खाली हाथ खड़ा हूं।
अब अपने, और अपने देश के लिए जीना है।
मोहब्बत तो बेवफा निकली, मेरे सांवरे।
देश के लिए मरूं तो, शायद शहादत हो।
श्याम सांवरा….