*पिता*
पिता
जीवन की सारी बाधाओं को, अपना हल मिल जाता।
संघर्षों की अविरल धारा, को निज समतल मिल जाता।
सारी दुनिया एक ओर पर, साथ पिता का एक ओर है।
जिनके होने भर से दुर्बल, मन को संबल मिल जाता।। अर्पित शर्मा
पिता
जीवन की सारी बाधाओं को, अपना हल मिल जाता।
संघर्षों की अविरल धारा, को निज समतल मिल जाता।
सारी दुनिया एक ओर पर, साथ पिता का एक ओर है।
जिनके होने भर से दुर्बल, मन को संबल मिल जाता।। अर्पित शर्मा