संदेश
नफ़रत को दो छोड़, प्रेम से काम बनाओ।
बैर भाव को त्याग, खूब तुम नाम कमाओ।।
पर के सुख को छीन, दुखी उनको न बनाओ।
समता ममता धार, खूब हंसो हंसाओ।।
नफ़रत को दो छोड़, प्रेम से काम बनाओ।
बैर भाव को त्याग, खूब तुम नाम कमाओ।।
पर के सुख को छीन, दुखी उनको न बनाओ।
समता ममता धार, खूब हंसो हंसाओ।।