होली के दहन में
होली के दहन में
होली के दहन में,
जला दो अपने कूविकार,
इन रंगीले दिनों में,
आत्मसात करो जीवन अविष्कार।
होली के दहन में….
सर से पाँव तक झाँक लो खुद को,
भर भर पिचकारी सुविचारोकी,
ऐसे रंग में नहा लो यारो,
धुलाई कर दो कूविचारोकी।
होली के दहन में….
खुशियाँ ही खुशियाँ मनायेंगे,
कुछ ऐसे रंग उडे अब के बार,
झूम झूम कर रंग जल्लोष से,
धुंध हो सखी सहेली दोस्त यार।
होली के दहन में………………
स्वरचित मौलिक-
कृष्णा वाघमारे,जालना 431211, महाराष्ट्र.