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12 Jun 2025 · 1 min read

वक्त का तांडव

…….. वक्त का तांडव………

यह कैसा तांडव रहा वक्त का
हृदय विदारक चीखों का शोर हुआ
पल भर में ही खेला खेल मृत्यु ने
परिवारों मे कितने ही हाहाकार हुआ

अहमदाबाद से लंदन तक का सफर था
मंसूबे में छिपा प्रकृत्ति का कहर था
दो सौ और बयालिस् थे कुल सवार यात्री
हुआ अचानक हादसा विभत्स मंजर था

ग्यारह वर्षों से सेवा में था विमान
दो दो चालक कुशल ने भरी उडान
प्रथम मिनट में ही आ गई कमी नज़र
द्वितीय पल मे ही मच गया कहर

मिल न सकी मुहलत कुछ समय से
रह गये देखते सभी विश्मय से
गिरा विमान धू धू कर जलता हुआ
पल भर मे ही था रक्त मज्जा पसरा हुआ

ओम शांति का मंत्र ही दे शांति अब उन्हें
सहनशक्ति दें प्रभु पारिवारिक जन जन को
अर्पित हैं श्रद्धांजलि पुष्प हृदय से
विव्हल मन द्रवित है देख क्रूरतम दृश्य से
……………………….
डॉ. मोहन तिवारी, मुंबई

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