दोहा सप्तक. . . . विमान हादसा
दोहा सप्तक. . . . विमान हादसा
हुआ भयंकर हादसा, वायुयान के साथ ।
पल भर में ही देखिए , छूटे सबके हाथ ।।
कितने जीवन हादसा, लील गया रे यार ।
मलबे में अब ढूँढते, जीवन के आसार ।।
देख विदारक दृश्य को, अविरल बहती धार ।
मालिक तुझको क्या मिला, बता जरा दातार ।।
मलबा बिखरा हर तरफ, कहे सभी से बात ।
क्या जाने यह वक्त कब, घातक दे आघात ।।
एक धमाका और बस , खाक हुए इंसान ।
चीखों से गुंजित हुआ, नीला मौन वितान ।।
था यह कोई हादसा, या था यह षड्यंत्र ।
हर मुख पर जीवित हुए, जीवन रक्षक मंत्र ।।
चूड़ी बिंदिया सब मिटे, खाक हुआ शृंगार ।
जाने कितने हादसा, लील गया संसार ।।
सुशील सरना / 13-6-25