संतोष कपूर*
संतोष कपूर*
2007 में न तो रामपुर ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ से परिचित था और न ही श्री श्री रविशंकर जी को कोई विशेष ख्याति रामपुर में प्राप्त थी। ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ का पहला ‘बेसिक कोर्स’ संतोष कपूर ने रामपुर में आयोजित करके यहॉं के वायुमंडल को श्री श्री रविशंकर और आर्ट ऑफ लिविंग के साथ ऐसा जोड़ा कि घर-घर में इसकी गूॅंज स्थापित हो गई।
शुरू में आर्ट ऑफ लिविंग के बेसिक कोर्स लक्ष्मी नारायण गुप्ता मेंथा वालों के रोशन बाग स्थित परिसर में हुए। बाद में सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, कोसी मार्ग पर आर्ट ऑफ लिविंग के सत्र चलने लगे। तत्कालीन प्रधानाचार्य जितेंद्र चौहान जी की व्यक्तिगत श्रद्धा भावना से कार्य को अनुकूल वातावरण मिला। 2007 के आसपास ही रामपुर की सड़कों पर भी एक अनुशासित जुलूस आर्ट ऑफ लिविंग का निकला। इसके एडवांस कोर्स रामपुर डिस्टिलरी (रेडिको खेतान) के परिसर स्थित वातानुकूलित कक्ष में आयोजित करवाने का श्रेय भी संतोष कपूर को ही जाता है।
हजारों की संख्या में आपने लोगों को आर्ट ऑफ लिविंग से जोड़ा। कहीं बैठे होते थे और सामने से कोई परिचित गुजरता, तो उसे रोककर कहते थे- “आर्ट ऑफ़ लिविंग का कोर्स करो। जीवन बदल जाएगा।”
केवल समझाते ही नहीं थे, उससे पॉंच सौ रुपए लेकर, जो कि उस समय आर्ट ऑफ लिविंग का बेसिक कोर्स का शुल्क होता था, ही लेकर मानते थे। किसी को सत्कार्य की ओर मोड़ने की कला तो कोई संतोष कपूर से सीखे। ‘जब जागो तभी सवेरा’ इस उक्ति को चरितार्थ करते हुए अपने सहस्त्रों व्यक्तियों को आर्ट ऑफ लिविंग से जोड़ दिया।
बंगलौर स्थित श्री श्री रविशंकर जी के आश्रम से आपका परिचय इतना गहरा हुआ कि आप श्री श्री के अत्यंत निकट व्यक्तियों में गिने जाने लगे। यह सौभाग्य सबको नहीं मिलता।
भगवती बाजार, मिस्टन गंज के पीछे आपका निवास है। अपने निवास के निकट आपने दुर्गा जी का मंदिर अत्यंत भव्यता से निर्मित किया है। यह अत्यधिक सक्रिय धार्मिक चेतना का केंद्र है। भजनों के कार्यक्रम यहॉं होते रहते हैं। इन सब के पीछे आपकी माता जी का आशीर्वाद और प्रेरणा मुख्य कही जा सकती है। अपने घर पर भी आखिरी मंजिल पर सत्संग-भजन के कार्यक्रम अनेक बार आपने किये । सिविल लाइंस राहे रजा (जौहर मार्ग) पर आपका व्यावसायिक प्रतिष्ठान रॉयल बजाज है। उसी के भीतर अंतिम छोर पर आपने एक वृहद कक्ष मेडिटेशन-भजन के लिए समर्पित किया हुआ है। यहॉं भी कार्यक्रमों की धूम रहती है।
आपकी आध्यात्मिक यात्रा के सहयोगियों में मीनाक्षी गुप्ता और उनके पति शलभ गुप्ता का नाम विशेष रूप से लिया जा सकता है।