अप्सरा ढूंढते हैं , ज़मीं पर सभी
ग़ज़ल
1,,
अप्सरा ढूंढते हैं, ज़मीं पर सभी ,
क्या से क्या चाहते हैं, ज़मीं पर सभी ।
2,,
कोख में कैमरे , लग नहीं पाए जब ,
शक्ल को ताड़ते हैं , ज़मीं पर सभी ।
3,,
खोट कोई भी हो , बेटियों में अगर ,
मां पिता पालते हैं , ज़मीं पर सभी ।
4,,
सूरतें देख लें , शादियों के लिए ,
हो कमी , बोलते हैं ,ज़मीं पर सभी ।
5,,
दुख है मां बाप को ,रिश्ते आये गए ,
जोड़ कर तोड़ते हैं , ज़मीं पर सभी।
6,,
रंग सूरत हसीं , सब को ही चाहिए ,
हो हुनर छोड़ते हैं , ज़मीं पर सभी ।
7,,
“नील” नाराज़ उनसे खुदा हो गया ,
जो बुरा सोचते हैं , ज़मीं पर सभी ।
✍️नील रूहानी.. ( नीलोफर खान)