जमाना तलाशता है,

जमाना तलाशता है,
मेरी इन आँखों में छुपे राज ए इश्क को।
मैं तुम्हें कैसे बेपर्दा कर दूं, इस जमाने के सामने।
सुना है…….
मोहब्बत छुपी रहे तो जिंदा रहती है, मुकम्मल होने तक।
वरना जमाने की नजर जीने नही देती.. छुपे हुए इश्क को।
जमाना तलाशता है,
मेरी इन आँखों में छुपे राज ए इश्क को।
मैं तुम्हें कैसे बेपर्दा कर दूं, इस जमाने के सामने।
सुना है…….
मोहब्बत छुपी रहे तो जिंदा रहती है, मुकम्मल होने तक।
वरना जमाने की नजर जीने नही देती.. छुपे हुए इश्क को।