नवनिधि क्षणिकाएँ---

नवनिधि क्षणिकाएँ—
11/06/2025
अंग-भंग हो गया
स्तन केंसर था मुझे
कौन पसंद करेगा अब।
वंश वृक्ष नहीं दे सकती
गर्भाशय निकाल दिया है
अब कौन करेगा शादी।
मैं हूँ साँवली
सबको गोरी पसंद है
सारी जवानी निकल गई।
विधवा हो चुकी हूँ
कामुक नजरें निहारती हैं
बदन को नोचने के लिए।
बेटा बहू की गिरफ्त में है
पति शराबी हो चुका
मेरी रखवाली कौन करे।
गृह कलह की जिम्मेदार
सभी डायन समझते मुझे
खोज रही हूँ मैं कौन हूँ।
आदर्श वाक्य लिखने वाले
अकेली औरत को देखकर
बहकते तो नहीं हो तुम भी।
— डॉ. रामनाथ साहू “ननकी”
संस्थापक, छंदाचार्य, (बिलासा छंद महालय, छत्तीसगढ़)
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