शुभ प्रभात मित्रो ! हम सब प्रभु की

शुभ प्रभात मित्रो ! हम सब प्रभु की
बगिया के , डालों पर खिलते ,महकते
सुमन हैं । कोई गंधहीना भी है तो कोई
रंगहीना भी , किन्तु आकार हीना
कोई नहीं । सबका अलग अस्तित्व है ।
आइये हम सब एक दूजे का सम्मान
कर , नमन करें ।
जय श्री कृष्ण !
जय श्री राधे !