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11 Jun 2025 · 1 min read

शुभ प्रभात मित्रो ! हम सब प्रभु की

शुभ प्रभात मित्रो ! हम सब प्रभु की
बगिया के , डालों पर खिलते ,महकते
सुमन हैं । कोई गंधहीना भी है तो कोई
रंगहीना भी , किन्तु आकार हीना
कोई नहीं । सबका अलग अस्तित्व है ।
आइये हम सब एक दूजे का सम्मान
कर , नमन करें ।
जय श्री कृष्ण !
जय श्री राधे !

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