छतरी बदल गई
अभी तो तेज़ धूप थी,
अब बरसात की बूंदे मचल गई।
देखो देखो वो आसमान की छतरी बदल गई।
चिलचिलाती गर्मी से सबको राहत मिल गई,
देखो देखो वो आसमान की छतरी बदल गई।
सब पसीने से नहा रहे थे रोज,
आज तो जैसे सबकी किस्मत ही खुल गई।
देखो देखो वो आसमान की छतरी बदल गई।
बच्चे सारे झूम उठे खुशी से,
उनकी तो पानी में कागज़ की नाव चल गई।
देखो देखो वो आसमान की छतरी बदल गई।
तपती, जलती हुई धरती की सारी तपन निकल गई।
देखो देखो वो आसमान की छतरी बदल गई।
ज्योति रौशनी