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8 Jun 2025 · 1 min read

समंदर क्यूँ पुकारेगा

ताज़ा #ग़ज़ल
दिनांक _ 8/6/2025

समंदर क्यूँ पुकारेगा ,मेरी डूबी सी कश्ती को ,
डुबाएगा दुबारा क्या, मेरी रूठी सी कश्ती को ।1/

फ़लक से चाँद बोलेगा, न घबराना जहाँ में तुम,
नहीं मैं डूबने दूँगा, कभी छोटी सी कश्ती को।2/

किनारे खुशनुमा होकर , हमेशा देखते रहते ,
नदी में तैरती फिरती,तेरी प्यारी सी कश्ती को।3/

हवाएं चल रही ठंडी, उड़ाती फिर रहीं ख़ुशबू,
ठहरकर पूछतीं अकसर,ही हरियाली सी कश्ती को।4/

मुझे भी “नील” ने आकर , सुनाया हाल बेगाना ,
पहाड़ों ने बहुत रोका था, दीवानी सी कश्ती को।5/

✍️नील रूहानी..
नीलोफर ख़ान

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