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7 Jun 2025 · 1 min read

प्रेम सदा ही चाहता,सत्य समर्पण त्याग।

प्रेम सदा ही चाहता,सत्य समर्पण त्याग।
समझें जो इस सार को, ज्ञानी वे अनुराग।।
डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम

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