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7 Jun 2025 · 1 min read

न दस्तक, न आहट, न कोई सदा है

न दस्तक, न आहट, न कोई सदा है
यही जिंदगी का खुला फलसफा है
चले नंगे पांव गरम रेत पर हम
बड़ी मुश्किलों से सफर ये कटा है

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