कथनी करनी फर्क कर,करते जब हम कर्म।

कथनी करनी फर्क कर,करते जब हम कर्म।
अपयश मिलता है सदा,समझें हम यह मर्म।।
डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम
तिलसहरी
कथनी करनी फर्क कर,करते जब हम कर्म।
अपयश मिलता है सदा,समझें हम यह मर्म।।
डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम
तिलसहरी