*जलूसों की कहॉं अब सौम्य, मृदु चितवन मयूरी है (मुक्तक)*
जलूसों की कहॉं अब सौम्य, मृदु चितवन मयूरी है (मुक्तक)
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जलूसों की कहॉं अब सौम्य, मृदु चितवन मयूरी है
बिना डीजल-धुऍं के आज, हर यात्रा अधूरी है
सड़क को घेर कर चलती हैं, चौड़ी गाड़ियॉं अड़ियल
भयंकर शोर पर डीजे के, अब बंधन जरूरी है
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451