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6 Jun 2025 · 1 min read

*प्रभो हमारे अंतर्मन को, शुभ विचार से भर दो (गीत)*

प्रभो हमारे अंतर्मन को, शुभ विचार से भर दो (गीत)
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प्रभो हमारे अंतर्मन को, शुभ विचार से भर दो
1)
जग के कलुष अधोगति हमको, देव नहीं दे पाऍं
जीवन में फूलों-सा निश्छल, हम सदैव मुस्काऍं
सत्पथ पर हम चलें सर्वदा, प्रभो कृपा यह कर दो
2)
जीवन-रण में सदा लोभ से, हमको प्रभो बचाना
विचलित हो जब-जब भी यह मन, आ सॅंभालने जाना
बहक न जाऍं कदम हमारे, वह मस्तिष्क प्रखर दो
3)
जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य है, आवागमन छुड़ाना
तन के भीतर निराकार जो, उसे एक दिन पाना
सभी तामसिक दोष मिटाकर, इस काया को तर दो
प्रभो हमारे अंतर्मन को, शुभ विचार से भर दो
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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