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6 Jun 2025 · 1 min read

क्रोध बड़ा हो कर प्रतिशोध बनता है, और प्रतिशोध बूढ़ा हो कर प

क्रोध बड़ा हो कर प्रतिशोध बनता है, और प्रतिशोध बूढ़ा हो कर पश्चाताप कराता है। सादगी और सहानुभूति यही मनुष्य का सबसे बड़ा खजाना है, इस सृष्टी में ऐसी कोई संपत्ती नहीं है, ज़ो मन क़ी शांती से बड़ी हो…🙏🏃🏻‍♂️संस्कार देते रहे। बच्चों को सही और गलत का बोध कराते रहे उनके साथ भावनात्मक रूप से जुड़े, समाज के हर पहलुओं को स्पष्ट रूप से समझाये। वो जीवन में जो भी कार्य करेंगे आपको ध्यान में रखकर ही करेंगे। आपके द्वारा दिये सही संस्कार और परवरिश उन्हें सभी परिस्थितियों से लड़ना सीखते हैं। प्रणाम, नमस्कार, वंदेमातरम् … भारत माता की जय 🚭‼️

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