जब बच्चे थे, तो अकेले रहने से डर लगता था…

जब बच्चे थे, तो अकेले रहने से डर लगता था…
अब जैसे-जैसे बड़े हो रहे है, तो जीवन अकेलापन उपहार में दे रहा है ।
—- प्रणव राज
जब बच्चे थे, तो अकेले रहने से डर लगता था…
अब जैसे-जैसे बड़े हो रहे है, तो जीवन अकेलापन उपहार में दे रहा है ।
—- प्रणव राज