राम राज की बेला आई

राम कृपा से सत बेला आई।
सिंहासन पर बैठे रघुराई।।
ऋषि मुनि सारे शीश झुकाते।
राम भजन को उर से गाते।।
न्याय नीति का होगा पालन।
खुशियों का बरसेगा सावन।।
धर्म सनातन होगा भारी।
राम राज की आई पारी।।
द्वेष दर्प अब घट जाएगा।
प्रेम भाव फिर आएगा।।
राम पंथ सब अपनाएंगे।
जीवन का हर सुख पाएंगे।।
डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम
तिलसहरी, कानपुर नगर