ऑपरेशन सिन्दूर
सैनिक सीमा पर डटे,करें हवाई मार।
कंडम हुये रडार सब, झेल मिसाइल वार।।
झेल मिसाइल वार, ध्वस्त मरकजी ठिकाने।
आतंकी सब ढेर,पाक का दिल ही जाने।।
कहें प्रेम कविराय, लोग क्यों होते पैनिक।
रक्षक जब हैं वीर,सुरक्षित सब हैं सैनिक।।
सेना ने सिंदूर का, रखा मान सम्मान।
पहलगाम में देश का,बहुत हुआ अपमान।।
बहुत हुआ अपमान, न रंच ज़िहाद सहेंगे।
सब आतंकी मार, नेस्तनाबूत करेंगे।
कहें प्रेम कविराय, अचूक निशाना लेना।
खौला सैनिक खून, लक्ष्य है दुश्मन सेना।।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव प्रेम