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2 Jun 2025 · 1 min read

प्रेयसी

उसकी यादें ही
जेहन में सबसे अधिक थीं
उसके बारे में ही
सबसे अधिक कहानियाँ थीं
उस पर ही
सबसे ज्यादा मुहावरे थे
उस पर ही
सबसे ज्यादा उपमाएँ थीं।

सूखे दिनों में भी वह
बहुत विनम्र रहीं
उसे अधीरता छू ना सकी
ऐसा लगा मानो
सच्ची हमदर्द वही है
सच्चा प्रेम वही है।

फिर एक दिन वह
दुनिया के रंग- मंच से
अचानक गायब हो गई
ऊपर वाला जादूगर बन
उसे साथ अपना ले गया
और फिर इस तरह
उस नाटक का
दुःखान्त पटाक्षेप हो गया।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
( साहित्य वाचस्पति )
साहित्य और लेखन के क्षेत्र में
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त
हरफनमौला साहित्य लेखक।

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