छत्तीसगढ़ के माटी
छत्तीसगढ़ के माटी
छत्तीसगढ़ के माटी कहिथे,
आ संगी! मोर पहिचान हवै।
धान के खुशबू महके-जइसे,
हर कोना म अपन गाथा हवै।।
बइला गाड़ी, नगाड़ा बाजे,
लोक गीत म मिठास घुलगे।
पंडवानी, करमा नाचे,
धोती-कुर्ता म मान खिलगे।।
जंगल-परबत, नदिया गावे,
हरियर पथ म सपन बुने।
गौठान ले महल तक पहुँचे,
मेहनत के पग चिन्हा चुने।।
बोली-बानी, पियार के थाती,
भुला सकय कोनो कइसे!
छत्तीसगढ़ म जनमे हवंव,
गर्व होथे मोर दिल ले।।