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30 May 2025 · 1 min read

पिता बोल नहीं पाते.....

पिता बोल नहीं पाते…..
इसलिए अपने भाव लिख के कहने की कोशिश करते है,
वह रो भी नहीं पाते…..
सो आंसूओं को दबाकर मन के किसी कोने में रख लेते हैं,
और तो और…..
वो गले लगाते हुए भी हिचकते हैं
सो सर पे हाथ फेर कर…
हमारे साथ स्तंभ बनकर खड़े हो जाते है….!!
मधु गुप्ता “अपराजिता”
✍️✍️😘😘

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