कभी कभी इस ग्रुप ओर बाकी में पढ़ता हु
कभी कभी इस ग्रुप ओर बाकी में पढ़ता हु
सब बस प्रेम इश्क के लिए लिख रहे है
प्रेम इतना आसानी से उपलब्ध हो रहा है
या करने को मिल रहा है और
अगर वाकई में लोगों में इतना प्रेम ओर समझ वास्तविकता में है भी,
बस लगे है इंप्रेस करने को प्रेम ओर समझ की आड़ में एक दूसरों को, अगर है
तो इंसान खुद और परिवार में, रिश्ते में दुखी,तनाव ओर मानसिक ओर व्यवहारिक अव्यवस्था और अस्थिरता में क्यों है।
प्रेम सिर्फ लेखन में ज्यादा सहज ओर स्पष्ट दिखता है।
धरातल पर सिर्फ असहजता ओर कुंठा दिखती है।
प्रेम ओर समझ धरातल पर इतना होता जितना कविता शायरी ओर status में लोग दिखते। धरातल पर ये ब्रेकअप divorce ओर फैमिली पार्टीशन जैसा कुछ नहीं होता।
ये मेरा आब्जर्वेशन है
प्रेम काल्पनिक स्थिति में वास्तिविक ज्यादा है,वास्तविक स्थिति में काल्पनिक ज्यादा है।