मैं शब्द,तुम अर्थ बस इतना सा है सफ़र के जीवन का सच हमारा।
मैं शब्द,तुम अर्थ बस इतना सा है जीवन के सफ़र का सच हमारा।
समझ जाओ जो बिन कहे,वही है मेरे जीवन का अर्थ सारा।।
ना कम ना ज्यादा ना बरसों का वादा,मिलन का है बस इतना सा इरादा।
जहां भी रहूं, ये बन कर दिल धड़के हमेशा मतवाला तुम्हारा।।
तू ठहरे जहां वहीं रुक जाए कदम बिना सवाल किए यह मन हमारा।
लगे जब भी ठोकर पकड़ लूं,मैं हाथ अपना बड़ा कर हाथ तुम्हारा।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”
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