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28 May 2025 · 1 min read

जलियांवाला बाग हत्याकांड (13 अप्रैल 1919)* _____________________

जलियांवाला बाग हत्याकांड (13 अप्रैल 1919)
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अमृतसर के जलियांवाला बाग रक्त रंजीत हुई थी।
दोषी ब्रिटिश सैनिकों ने निहत्थे भारतीयों पर गोलीबारी की थी।

तुम रोलेट एक्ट के नाम से भारतीयों के हक छीन लोगे
जीवन जीने के प्राकृतिक अधिकार छीन लोगे।
तुम मूर्ख,बदमाश,नीच
तुमने निर्दोषों को मारा।

तुम सोचते हो कि तुम्हारे इस रॉलेट एक्ट के निर्देशों को बिना विरोध किए मान लेंगे।
विरोध के लिए मेरे देशवासियों ने सभा बुलाई थी
उन सब निहत्थे भारतीयों पर गोलियां बरसाई थी।

तुम क्या हो? राक्षस ,आदमखोर!
हजारों भारतीय को मार गए
घायलों पर रहम नहीं आई
वाह रे ब्रिटिश सरकार!
लानत है तुझ पर।
कि तुमने घोर अन्याय ,आक्रोश और असंतोष फैला दी।

इस घटना से निपटने
भारत के सपूत भगतसिंह ,और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जैसे अन्य नेताओं,देशप्रेमियों ने सामने आईं।

ब्रिटिश तुम्हारे इस कुकृत्य की आलोचना विश्वभर में फैल गई
और तुम बदनाम हो गए।

अमृतसर में शहीदों की जो स्मारक है मै उन्हें कोटि कोटि प्रणाम करता हूं, अपने नम आंखों से श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।

स्वतंत्रता आंदोलन से ब्रिटिश को
पशुवत खदेड़ा था हमारे भारतीयों ने
आजादी की जश्न मनाया मेरे देशवासियों ने
और कहा जब भी ऐसी नौबत आए यहां हर कोई भगत और गांधी होगा।

जय हिंद जय भारत माता

रचनाकार
संतोष कुमार मिरी
कविराज
रायपुर छत्तीसगढ़

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