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17 May 2025 · 1 min read

ना यादें ना वो वस्लें सूरज भी संकरा होता रहा

ना यादें ना वो वस्लें सूरज भी संकरा होता रहा
वक्त की समझाइश, वक्त पर वक्त से समझौता रहा

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