जीने का जो आदम को तरीका नहीं आता

जीने का जो आदम को तरीका नहीं आता
हँसने का और रोने का सलीका नहीं आता
दुनिया बड़ी बिखरी हुई बदहाल सी होती
सर पर जो तरक्की का ये ठीका नहीं आता
जीने का जो आदम को तरीका नहीं आता
हँसने का और रोने का सलीका नहीं आता
दुनिया बड़ी बिखरी हुई बदहाल सी होती
सर पर जो तरक्की का ये ठीका नहीं आता