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11 May 2025 · 1 min read

सघन जंगल में नदी का तुम किनारा हो

सघन जंगल में नदी का तुम किनारा हो
इस अँधेरी रात का तुम ही सितारा हो
मैं फँसी हूँ मुश्किलों के जाल में ऐ माँ
डूबते तिनके का बस तुम ही सहारा हो

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