*सिंदूर ऑपरेशन कहता, सिंदूर राष्ट्र-अभिमानी है (राधेश्यामी छ

सिंदूर ऑपरेशन कहता, सिंदूर राष्ट्र-अभिमानी है (राधेश्यामी छंद)
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1)
सिंदूर ऑपरेशन कहता, सिंदूर राष्ट्र-अभिमानी है।
सिंदूर मॉंग में भरा हुआ, पावनता भरी निशानी है।।
2)
सिंदूर अस्मिता भारत की, युग-युग से चलती आई है।
सिंदूर बचाने सावित्री, यम से भी जा टकराई है।।
3)
भारत की नारी को निज से, सिंदूर सदा से प्यारा है।
सिंदूर छुआ जिस पापी ने, सिर धड़ से गया उतारा है।।
4)
सिंदूर सिया को भाता है, सिंदूरी हनुमत-नाता है।
सिंदूर लगाकर माथे पर, पौरुष बल को पा जाता है।।
5)
सिंदूर मॉंग में सजा हुआ, अति शांत प्रणय को कहता है।
जब पोछा गया शत्रु-बल से, यह लाल रक्त-सा बहता है।।
6)
सिंदूर उजड़ता है मतलब, सागर में उठी सुनामी है।
विध्वंस जगत में अब होगा, उसका जो कटु खल कामी है।।
7)
वह नहीं बचेगा धरती पर, जिसने सिंदूर उजाड़ा है।
यह पहलगाम का बदला है, वैशाख मास का जाड़ा है।।
8)
लो बहा रक्त यह पापी का, आतंकी सारे मारे हैं।
यह सिंदूरी-बल भारत का, जिस से आतंकी हारे हैं।।
9)
जय नमन विजय है नारी की, जय नमन विजय सिंदूरी की।
सौगंध हिंद ने जो ली थी, जय नमन शपथ वह पूरी की।।
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451