तुम ही बताओ

तुम लौटोगे जब, हम न होंगे
तेरे लिए फिर भी दुआ करेंगे।
अब तुमने छोड़ा नहीं किसी लायक
तुम ही बताओ, और क्या करेंगे।
न साँसों पे हक़ है, न नींदों पर ज़ोर,
अब तेरे ख्यालों में ही बसर करेंगे।
वो मेरे प्यार के बोल दिल से निकले थे,
आज नहीं तो कल असर करेंगे।
तेरा नाम लबों पे ना आए कभी,
फिर भी हर बात तुझसे ही कहेंगे।
कोई सुन न पाए मेरी सिसकियाँ,
हम चुप रह कर ही अब शोर करेंगे।
तेरे लौटने की जो उम्मीद है ,
उसे पलकों पर हर शाम धरेंगे।
जो टूटी थी दिल की तन्हा गली,
उसमें फिर से रौशनी भरेंगे।
वो खत जो लिखे थे कभी प्यार में,
अब राख़ बनके संजोया करेंगे।
तेरे जाने का जो भी ग़म मिला है
उसे अपने गीतों में पिरोया करेंगे।
ना कोई शिकवा, न कोई सवाल,
अब बस खामोशी से जिया करेंगे।
तेरे हर जुल्म को पूजा समझ,
उसपर सिर रखकर हम झुका करेंगे।
कभी लगे अगर तुझे रुला दिया,
तो अश्क़ अपने भी निकला करेंगे।
तेरी खुशियों की जो भी कीमत हो,
हम ख़ुद को मिटाकर अदा करेंगे।
तेरी गलियों से जो गुज़रेंगे कभी,
हर मोड़ तुझे याद किया करेंगे।
फिर तेरी यादों की जो भी सज़ा मिले,
हँस के हर दर्द हम सहा करेंगे।
अब वक़्त की भी क्या मजाल है,
जो तुझसे दिल को जुदा करेंगे।
तेरी परछाईं भी जो दिखे कहीं,
उसे भी प्यार से छू लिया करेंगे।
ना तेरा हो सके ये और बात है,
हम तो तुझको ही दिल में रखा करेंगे।
तू आए या ना आए ज़िन्दगी में मेरी,
हम तो तेरे इंतज़ार में ही जिया करेंगे।
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